वक्त की हर चोट को हंसकर भुला दिया,
तेरी ख़ुशी की खातिर अपने सपनों को जला दिया,
कमबख्त दिल था गुनाहगार ,इसलिए
तेरे हर आंसू के बदले हमने
अपने जिगर के लहू का एक-एक कतरा बहा दिया
तेरी ख़ुशी की खातिर अपने सपनों को जला दिया,
कमबख्त दिल था गुनाहगार ,इसलिए
तेरे हर आंसू के बदले हमने
अपने जिगर के लहू का एक-एक कतरा बहा दिया